सात जन्मों का रिश्ता
ख़ुशबू तेरे क़दमों से आ रही है,
हवाओं का रूख बता रही है।
कई जन्मों से तरसे थे, कान मेरे
आज तेरे शब्द, कानों को हवा सुना रही है।
रिश्ता इस जनम का हो, ये मुमकिन नहीं
रिश्तों की उम्र होती नहीं, ये ख़ुशबू बता रही है
तेरे क़दम किस ओर बढ़े हैं,
हवा मुझे, मेरे घर के दरवाजे की दस्तक सुना रही है
अब ये कैसे मुमकिन है, हम दोनो एक न हो
जिस्म की नही, दिलों के जुड़ाव की महक ख़ुशबू बता रही है
मेरे जिस्म तुम्हारे प्यार के खुशबू से नहा रही है
अब मेरे कब्र को तुम्हारे ख़ुशबू की हवा नहला रही है।
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