Sunburst Over River

Category: कविताएँ

  • चलना ही जीवन है

    चलना ही जीवन है सिर्फ चलते चले जाओ…. हर कदम मंजिल करीब आयेगी योजना बनाकर चलते चले जाओं…. एक कदम मंज़िल और करीब आयेगी बिना स्वार्थ के चलते […]

  • पैसा

    पैसा पैसा जोड़ने से जुड़ता नहीं पैसा खर्च करने से कम होना नहीं जहाँ जायज हो वहाँ सौ रूपये खर्च कम है जहाँ जायज़ ना हो वहाँ एक […]

  • अपरिग्रह

    अपरिग्रह जो चीज अपनी नहीं उसका मोह कैसा?

  • जीवन-एक दृष्टिकोण

    जीवन-एक दृष्टिकोण जीवन को समझना उतना ही मुश्किल है जितना ख़ुद को समझ लेना हम चाहते क्या हैं? हमें ही नहीं मालूम क्या सारी दौलत, सारी ख़ुशी सारी […]

  • आत्म-चिंतन

    आत्म-चिंतन भीतर झांक कर देखना ख़त्म करता है, अशांत मन को मन की शांति का यह अचूक तरीक़ा सदियों से मन के भटकाव को रोकने का नायाब तरीक़ा […]

  • हक़ीक़त

    हक़ीक़त चाहत से मिलती है ज़िंदगी ज़िंदगी चाहत का नाम है आज इंसान चाहत से दूर मदहोश होकर, पैसा बटोरने में, चाहत की कब्र खोदकर चाहत को दफनाने […]

  • साथी

    साथी साथ रहकर परवाह करने से बेहतर है साथ रहने का एहसास करना

  • अतिक्रमण

    अतिक्रमण अतिक्रमण इंसान हटाता है भाई-चारा निभाता है प्रकृति भाई-चारा देखती है भाई को हटाकर, चारा समेटती है।

  • क़ानून का भय

    क़ानून का भय क़ानून का भय हो किन्तु क़ानून से डरे नहीं जो क़ानून तोड़े वही क़ानून से डरे।

  • मध्यस्थता

    मध्यस्थता

    मध्यस्थता पक्षकारो का फ़ैसला पक्षकारों की शर्तो पर न्यायाधीश के हाथ यही है, मध्यस्थता का कमाल