तुम मुझे कैसे भूला पाओगी

तुम लाख भुलाना चाहो मुझे
तुम मुझे भूला नहीं पाओगी
बांधो को देखकर भूल न करना
कि नदियां बहना भूल गई
शहरों के महलो में घरौंदे बनते ना देख
ये मत समझना चिड़ियों ने चहकना छोड़ दिया
मुझे डराना नहीं आता तो क्या हुआ ?
अब भी लोग प्यार से डरा करते है
ख़्वाबों को सुबह भूला सकती हो तुम
मैं तो तुम्हारे पलकों में बसा करता हूँ
निगाहों में तस्वीर किसी और की है
मगर झपकती पलकों में सूरत मेरी ही है
मैं तुम्हारे दिल में नहीं
धड़कनों में बसा करता हूँ
धड़कता दिल जिस्म से नहीं
धड़कनों से बात करता है
तुम चाहकर भी
धड़कनों को रोक नहीं पाओगी
अब कहो,
तुम मुझे कैसे भूला पाओगी

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