सीख
ख़ुशी में हर अपने
साथ होना चाहते हैं
न बुलाने पर
नाराज़ हो जाते हैं
ग़म में आने से
कतराते हैं
न आने के हज़ार
बहाने बनाते हैं
आज
माँ की याद ने एक सीख दे दी
चलने के लिए कारवाँ की नहीं…
हौसले की ज़रूरत होती है
और मैं अकेला चल पड़ा।
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