एहसास

अक्सर बच्चों की निगाहें
शून्य में निहारती रहती है माँ को,
कहीं माँ नज़र आ जाये
और एहसास दिला जाए
हाँ बेटा, मैं तेरे क़रीब हूॅ
तू सो जा।
किन्तु माँ कहती है
मुझे अभी नींद नहीं आयेगी,
क्योंकि तेरे दर्द का एहसास
मेरे सीने में जिंदा है,
उसके बुझने के बाद
मैं सोऊंगी….
चाहे लाख बरस जागना पड़े।
मै जागते हुए उसके बुझने का
इंतजार करूंगी,
तू मेरी फ़िक्र मत कर
मैं जागते हुए,
तेरी नींद के एहसास में
गहरी नींद सो लूंगी…!!!

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