फासला
ग़रीब और अमीर के बीच
उतना ही
फासला है,
जितना
ज़िन्दगी और मौत
के बीच।
अमीर ज़िंदगी
चाहता है,
और ग़रीब मौत
किन्तु ना अमीर जी पाता
और ना ग़रीब मर पाता।
ग़रीब और अमीर के बीच
उतना ही
फासला है,
जितना
ज़िन्दगी और मौत
के बीच।
अमीर ज़िंदगी
चाहता है,
और ग़रीब मौत
किन्तु ना अमीर जी पाता
और ना ग़रीब मर पाता।
Leave a Reply