धापी

धापी माने
सिर्फ धापना नहीं
धापी माने
‘ध’ से धन
‘प’ से पाना नहीं
धापी माने
‘ध’ से है धरती माँ
और
‘प’ माने पलना
मेरी निगाह में
धापी माने
माँ की गोद में पलना है।

– धापी मेरी माँ का नाम है, जिसे हम घर में बाई कहकर पुकारते थे। दिनांक 19.06.1988 को बाई ने गृह गाँव, छुईखदान में अंतिम सांसें ली।

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