क़ीमत

हर तरफ रोशनी से
घिरे हैं हम,
रोशनी की क़ीमत
क्या बतायें हम।
कभी जाके पूछो उनसे,
जो अंधेरों की दुनिया को
रोशनी की दुनिया समझकर
जीते है।
एक-रोेशनी यदि
मिल जाये उन्हें
तो अँधेरे की दुनिया का
रास्ता कहाँ से लायें वो।

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