विश्वास
तू नहीं मिली मुझे
जमीं पर
खोजता फिरूं
अब तुझे
मगर कहाँ?
आसमां के उस पार
या जमीं के अंदर,
लगता नहीं
मिलन होगा
कभी अपना
फिर भी मुझे
विश्वास है
मन में।
तू नहीं मिली मुझे
जमीं पर
खोजता फिरूं
अब तुझे
मगर कहाँ?
आसमां के उस पार
या जमीं के अंदर,
लगता नहीं
मिलन होगा
कभी अपना
फिर भी मुझे
विश्वास है
मन में।
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