राही
राह में भटकते-भटकते,
मैं थक गया हूं
ऐ राही…
मुझे उस राही से मिला दे
जिसके सीने में दिल हो
जिसके दिल में धड़कन हो
जिसे खुद के दर्द को छुपाना आता हो
जिसे औरो के दर्द को भगाना आता हो
ऐ राही…
मुझे उस राही से मिला दे
मेरा कोई अपना बना दे
राह में भटकते-भटकते,
मैं थक गया हूं
ऐ राही…
मुझे उस राही से मिला दे
जिसके सीने में दिल हो
जिसके दिल में धड़कन हो
जिसे खुद के दर्द को छुपाना आता हो
जिसे औरो के दर्द को भगाना आता हो
ऐ राही…
मुझे उस राही से मिला दे
मेरा कोई अपना बना दे
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