रफ्तार
इन्सान, जिस रफ़्तार से
आँसमा की ओर
बढ़ रहा है,
उससे कहीं
तेज रफ़्तार से वह,
प्यार, दर्द और अपनापन
भूलता जा रहा है।
रफ्तार
इन्सान, जिस रफ़्तार से
आँसमा की ओर
बढ़ रहा है,
उससे कहीं
तेज रफ़्तार से वह,
प्यार, दर्द और अपनापन
भूलता जा रहा है।
Leave a Reply