अपेक्षाएं और खीझ
अपेक्षाएँ और खीझ
समानांतर चलती है
ना हम अपेक्षाएँ रखे
ना हमें खीझ होगी
खीझ अपेक्षा से,
सौ गुना तेज चलती है
सौ प्रतिशत खीझ से
मुक्ति चाहतें हैं तो
एक प्रतिशत
अपेक्षा को गति ना दे
अपेक्षाएँ और खीझ
समानांतर चलती है
ना हम अपेक्षाएँ रखे
ना हमें खीझ होगी
खीझ अपेक्षा से,
सौ गुना तेज चलती है
सौ प्रतिशत खीझ से
मुक्ति चाहतें हैं तो
एक प्रतिशत
अपेक्षा को गति ना दे
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