Sunburst Over River

Category: कविताएँ

  • धापी नीड़

    धापी नीड़ ‘धापी नीड़’ मतलब माँ के आँचल तले बसकर माँ की गोद में पलना है। ‘धापी नीड़’ मेरे आशियाँ का नाम है।

  • नीड़

    नीड़ नीड़ माने सिर्फ, घोंसला नहीं नीड़ माने सिर्फ बसेरा नहीं नीड़ माने माँ के आँचल तले बसेरा है।

  • धापी

    धापी धापी माने सिर्फ धापना नहीं धापी माने ‘ध’ से धन ‘प’ से पाना नहीं धापी माने ‘ध’ से है धरती माँ और ‘प’ माने पलना मेरी निगाह […]

  • माँ की याद….

    माँ की याद….

    माँ की याद…. अपनी निगाहों से हरदम मेरा ख़्वाब सजाने वाली, ख़्वाबों की दुनिया को हक़ीक़त बनाने वाली। 35 बरस पहले देखा था तुम्हें, आज हर पल मेरी […]

  • जिंदगी

    जिंदगी

    तेरे साथ जिंदगी बिताऊँ ऐसी मेरी किस्मत कहाँ? तेरे बिना जिंदगी गुजारूँ इतनी मेरी हिम्मत कहाँ? तेरे बिना भी तेरे साथ जीना सीख लिया….. यक़ीं न हो तो […]

  • स्वयं के आकलन का तरीका

    स्वयं के आकलन का तरीका

    क्या खोया महत्वहीन। अफसोस! ऐसा नहीं होता, ज्यादा पा लेता ज्यादा महत्वहीन। क्या बचा है? महत्वपूर्ण। उसे लम्बे समय तक कैसे बचाएं ज्यादा महत्वपूर्ण।

  • आस्था—

    आस्था—

    आस्था  माजीसा, माई जी और माँ के प्रति मेरी जो आस्था है, उसे व्यक्त करने के लिये मेरे पास शब्दो का भंडार नहीं है। मगर ये भी सत्य […]